Monday, November 1, 2010
मानव शरीर के लिए हिम और अग्नि दोनों ही घातक
मानवहृदय के लिए तंगी और तवंगरी दोनों ही भार हैं,
जैसे मानव शरीर के लिए
हिम और अग्नि दोनों ही घातक हैं ।
फ़ाकाकशी और पेटूपन दोनों समान रूप से
मनुष्य के हृदय से ईश्वर को रुखसत कर देते हैं
- थ्योडोर पार्कर
इन्सान के दो सर्वोत्तम चिकित्सक
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