Tuesday, May 25, 2010

स्वास्थ्य का यही एक अमोघ साधन है




आत्मनिग्रह करने से स्वास्थ्य की हानि नहीं होती;

बल्कि स्वास्थ्य का यही एक अमोघ साधन है

- महात्मा गांधी



6 comments:

  1. क्या बात है!!!!!

    http://www.mydunali.blogspot.com/

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  2. सत्य वचन
    आप तो सूरज की तरह किरणें बिखेर रहे हैं या चाँद की तरह प्रतिदिन बढ़ जा रहे हैं.
    क्या खून आपको !!
    तुझे सूरज कहूँ या चंदा !!

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  3. सुस्वागतम.....आरोग्य पर सचमुच कमाल की पेशकारी है आपका ब्लॉग...मुझे आपके ब्लॉग की तस्वीरें बहुत अच्छी लगीं..यूं लगता है जैसे हम बाग़ में ही पहुँच गए हों.इतना अच्छा ब्लॉग जल्द ही बुलंदियों को छूएगा.....केवल आधा पेट भोजन का फ़ॉर्मूला बहुत ही सटीक है...इसके फायदे तो वही जान सकता है जिस ने इसे अपनाया हो...ठूस ठूस कर पेट भरने के तो हजारों नुक्सान...!

    यह तो हर पल याद रखने योग्य मन्त्र है...!

    भोजन आधा पेट कर कर, दुगुना पानी पी = तिगुना श्रम, चौगुनी हँसी, वर्ष सवा सौ आधा पेट कर, दुगुना पानी पी = तिगुना श्रम, चौगुनी हँसी, वर्ष सवा सौ पी = तिगुना श्रम, चौगुनी हँसी, वर्ष सवा सौ

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  4. svaagateya
    badhaai
    veerubhai1947.blogspot.com

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  5. ...शायद इसे ही 'नियंत्रण' या 'अंकुश' कहते है!.....बहुत बढिया कथन!

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